तुलसी है कई प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर
आयुर्वेद के अनुसार तुलसी को एक औषधीय गुणों से भरपूर औषधि माना गया है आयुर्वेद में तुलसी का प्रयोग दवाई के रूप में किया जाता रहा है तुलसी के सेवन से कई बीमारियों को दूर भगाने में एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में किया जाता है आयुर्वेद में तुलसी को एक विशेष महत्व भी दिया गया है प्राचीन समय में किसी के बीमार पड़ने पर लोग तुलसी के पत्ते का सेवन एवं तुलसी के रस का सेवन करते थे क्योंकि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं |
जो मौसमी बीमारी से बचाने में हमारी मदद करते हैं तुलसी के पत्तों में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं हमें रोगों से लड़ने के लिए सक्षम बनाती है प्रतिदिन एक या दो तुलसी के पत्तों का सेवन करने से बोलते मौसम से होने वाले सभी रोगों से छुटकारा दिलाती है मुंह में दुर्गंध से निजात पाने के लिए रोजाना तुलसी के पत्तों को मुंह में रखकर चूसने से मुंह मैं दुर्गंध को दूर कर सकता है रोजाना तुलसी के पत्तों को मुंह में रखकर करीबन 10 मिनट तक रखें पत्तों को चबाने नहीं इन्हें चूस कर फेंक दें जिससे मुंह की दुर्गंध दूर होती है|
सर्दी खांसी एवं जुखाम जो एक प्रकार का वायरल फ्लू है जो बदलते मौसम के साथ हो जाता है इससे बचने के लिए काली मिर्च और तुलसी को पानी में उबालकर काढ़ा बनाने एवं थोड़ी सी शक्कर डालें इसका सेवन करने से मौसमी संक्रमण एवं बुखार से राहत मिलती है यदि किसी को ज्यादा जुखाम की समस्या रहती है तो तुलसी को पानी में उबालकर उसके बाप को अपने शरीर में लें और सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचाएं जिससे नासा द्वार खुल जाते हैं एवं जुकाम दूर होता है|
दस्त दस्त जैसी बीमारियों से बचने के लिए एवं पेट संबंधित किसी भी परेशानी को दूर करने के लिए तुलसी कोक जीरे के साथ पीस लें दिन में तीन या चार बार मिश्री मिलाकर इसका सेवन करें जिसे 10 एवं पेट की सभी बीमारियों से निजात मिलता है|
चोट या घाव लगने पर तुलसी के पत्तों के साथ फिटकरी को मिलाकर घाव या चोट वाले स्थान पर लगा लें जिससे गांव जल्दी से भर जाता है एवं चोट जल्द ही ठीक होने लगती है|